ये कहानी एक ऐसी लड़की की है, जो एक छोटे शहर से है, और लोगों का मानना होता है कि छोटे शहर की लड़कियों को सपने देखने का अधिकार नहीं, हर लड़की की तरह उसने भी अनगिनत सपने सज़ाये, कई ख्वाब बुने, अपने होने वाले पति को बिन देखे ही चाहने लगी जो अक्सर लड़कियां करती है, लेकिन उसे क्या पता था की जिसके लिए वो ख़्वाबों का आशियाना बुन रही है, वो उसके लिए बुरा ख्वाब साबित होगा, ना सिर्फ पति पत्नी के रिश्ते में, बल्कि उसे हर रिश्ते में बस धोखा ही नसीब हुआ, ऐसे में क्या एक टूटकर बिखरी लड़की को एक नया सहारा मिलेगा, ये हर उस औरत के दिल की आवाज़ है, ज़ब उसका खुद का पति बेवफा निकलता है, जिसके लिए पति पत्नी के रिश्ते का कोई मोल नहीं होता…
लेखक के बारे में
मैं कृषा राव जमशेदपुर से हूँ और एक freelance writer हूँ… मैं प्रतिलिपि और पॉकेट नॉवेल रीडर जैसे प्लेटफार्म के लिए नॉवेल लिखती हूँ… और कभी कभी कविताएं भी लिख़ लेती हूँ… कहानियाँ लिखना बस मेरा शौक था जिसे मैंने करियर के रुप में चुना हैं… मैंने अपनी राइटिंग जर्नी 2021 में शुरू किया था… उसके बाद बस आगे बढ़ती ही चली गयी… बस अब रुकना नहीं… मैंने अपनी मास्टर्स की पढ़ाई जमशेदपुर से ही की है… ऐसा नहीं था की मुझे जॉब नहीं मिली… मैंने अपने पैशन को ही अपना करियर बनाने का सोच लिया… और मुझे इसके लिए कोई अफ़सोस नहीं… कई लोगो ने कहा भी था की ये मत करो… लेकिन ज़ब सपने मैंने देखे है तो उससे जुड़ी बातें किसी और की कैसे सुन लेती… मेरा सपना खुद को एक बड़ी लेखिका के रूप में देखना है…
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